राजस्थान के गांधी स्व.गोकुल भाई भट्ट की आदम कद प्रतिमा सिरोही ओर शिवंगज में लगे, विधायक लोढा ने भी दी सहमति।।
सिरोही ब्यूरो न्यूज़ रिपोर्ट हरीश दवे सिरोही के हाथळ गाँव मे महाशिवरात्रि के दिन 1898 ईसवी को हुआ और शिक्षा दीक्षा मूम्बई में होने के बाद उन पर रास्ट्रपिता महात्मा गांधी के देश को आजाद कराने के आंदोलन में शामिल हो गए जिससे उच्च अध्ययन के लिए उनका अमरीका जाना भी उन्होंने रद्द किया। गाँधीजी के स्वाधीनता ओर असहयोग आंदोलन से जुड़ गए और मूम्बई विले पारले में रहते हुए अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन में कूद पड़े और 1942 से 46 तक अंग्रेजो ने दमन के लिए उंन्हे जेल यातना दी। महात्मा गांधी द्वारा उंन्हे आजादी की लड़ाई का नेतृत्व करने उंन्हे राजस्थान भेजा। 1934 में सिरोही प्रजामण्डल की स्थापना हुई और अपने साथियों स्वर्गीय पुखराज सिंघी, सोभाग्यमल सिंघी, धर्मचंद सुराणा, धनराज तातेड़, वर्द्धिशंकर त्रिवेदी, पत्रकार भीमाराम शर्मा, ताराचंद दोषी, इत्यादि के साथ ब्रिटिश हुकूमत ओर रियासतकालीन अव्यवस्था के खिलाफ बिगुल फूंका।गांधी,नेहरू,पटेल,आम्बेडकर जी के साथ साथ रास्ट्रीय राजनीति में कार्य कर चुके स्वर्गीय गोकुल भाई भट्ट राजस्थान कोंग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बने और कोंग्रेस की जड़े राजस्थान में मजबूत की।सिरोही से माउंट